विजय कुमार दिवाकर
बरेली ड्रग्स माफिया गैंग के फरार चल रहे एक मोस्ट वांटेड मुलजिम को क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल ने पकड़ा है। आरोपी की पहचान यूपी बरेली निवासी 37 वर्षीय तैमूर खान ऊर्फ भोला के रूप में हुई है। इसके उपर दिल्ली पुलिस की ओर से एक लाख रुपये और यूपी पुलिस की ओर से 50 हजार रूपये का इनाम रखा हुआ था। यह 2012 से फरार चल रहा था। इसने अपने गाँव के आस पास के इलाकों में स्थानीय रॉबिनहुड की छवि बनाई हुई थी इसलिए स्थानीय लोगो की मदद से यह अभी तक पुलिस से बचता रहा था। एमबीए छोड़कर ड्रग तस्करी के धंधे में उतरे तैमूर खान की यूपी और दिल्ली पुलिस को 9 मामलों में तलाश थी। चार मामलों में उसे भगोड़ा घोषित किया हुआ था। यूपी और दिल्ली पुलिस तैमूर की शिद्दत से तलाश कर रही थी।
क्राइम ब्रांच नारकोटिक्स सेल के पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि पिछले काफी समय से दिल्ली पुलिस ड्रग तस्करों को गिरफ्तार कर रही है। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि ज्यादातर सभी मामलों में बरामद हेरोइन यूपी के बरेली, बदायूं, रामपुर से आ रही थी। सभी की तस्करी बरेली से दिल्ली के रास्ते पर हो रही थी। पकड़े गए आरोपियों ने बरेली के कुख्यात तस्कर तैमूर खान उर्फ भोला का ही नाम लिया। दिल्ली और यूपी पुलिस ने हेरोइन तस्करी के मामले में इस साल 17 मामले दर्ज किए थे, इनमें हेरोइन का सोर्स बरेली, बदायूं, पीलीभीत, बुलंदशहर और गाजियाबाद से आई थी। तैमूर का नाम आने के बाद पुलिस की टीम ने कई बार उसके ठिकानों पर छापेमारी की। लेकिन पुलिस की रेड से पहले ही उसे स्थानीय लोग पुलिस की मौजूदगी का पता दे देते थे। जिसका फायदा उठाकर आरोपी फरार हो जाता था।
16 सितम्बर को हेड कांस्टेबल अशोक नागर को secret information मिली की most wanted drug माफिया बरेली से दिल्ली के सीलमपुर आने वाला है।
information मिलते ही मोस्ट वांटेड ड्रग माफिया को दबोचने के लिए मयंक बंसल ACP Narcotics Cell की supervision व इंस्पेक्टर राम मनोहर के नेतृत्व में एसआई रवि सैनी, हेड कांस्टेबल अशोक नागर, हेड कांस्टेबल संजय, हेड कांस्टेबल तालीम, हेड कांस्टेबल परमिंदर और कांस्टेबल तरुण की एक टीम बनाई गई।
पुलिस ने जाल बिछाकर उसे सीलमपुर मेट्रो स्टेशन के पास से दबोच लिया। उसने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस टीम ने उसे काबू कर लिया। यह एफआईआर नंबर 106/18, अंडर सेक्शन 21/29 एनडीपीएस एक्ट में वांटेड चल रहा था।
21 अप्रैल 2018 को Crime ब्रांच की Narcotics Cell ने 700 ग्राम Heroin के साथ दिल्ली निवासी विनोद को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस पूछताछ में बताया था की उससे बरामद हेरोइन उसने तैमूर खान उर्फ भोला से खरीदी थी। तैमूर खान उर्फ भोला तभी से फरार चल रहा था।
मोस्ट वांटेड ड्रग्स माफिया तमूर खान ऊर्फ भोला किसान परिवार से ताल्लुक रखता है। वह अपने पैतृक गांव बेहरा, पुलिस स्टेशन फरीदपुर, बरेली, यूपी में अपने माता पीता, 4 भाइयों और 01 बहन के साथ रह रहा है। यह अपने भाइयों और बहनों में सबसे बड़ा है। इसकी 2 बेटियां और एक शादीशुदा बेटा है। बरेली कॉलेज से बीए करने के बाद, इसने फ्यूचर कॉलेज, बरेली, यूपी में एमबीए प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लिया, लेकिन पढ़ाई जारी नहीं रखी।
एमबीए में एडमिशन लेते समय इसका सपना एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने का था। इसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए पढ़ाई भी बिच में ही छोड़नी पड़ी। शादी के बाद इसको पैसे की तंगी रहने लगी।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि जल्दी पैसा कमाने के लालच में वह वर्ष 2007 से हेरोइन तस्करी का धंधा कर रहा है।
शुरुआत में लोकल drug supplier ने उसे अपनी स्मैक दिल्ली ले जाने का काम दिया और इसके बदले उसे 1600/- रुपये प्रति ट्रिप मिलने लगा।
वर्ष 2008 में पहली बार 670 ग्राम स्मैक के साथ दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। इसके खिलाफ थाना वेलकम में एफआईआर संख्या 353/2008 दर्ज हुई थी। वह 07 महीने तक जेल में रहा और बाद में बरी कर दिया गया।
जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से स्थानीय ड्रग सप्लायर के साथ जुड़ गया और बरेली से दिल्ली में ड्रग्स की तस्करी शुरू कर दी। इसने कई वर्षों तक उनके साथ कंट्राबेंड कैरियर के रूप में काम किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए इसने मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया और जब भी पुलिस उसके घर पर छापा मारती तो गन्ने के खेतों में छिप जाता।
शुरूआती दिनों में यह स्थानीय ड्रग सप्लायर अशफाक खान ऊर्फ अशफाक प्रधान और शाहिद खान ऊर्फ छोटे खान ऊर्फ छोटे प्रधान से ड्रग लेता था।
अशफाक खान ऊर्फ अशफाक प्रधान को स्पेशल सेल की टीम ने एफआईआर संख्या 18/2018 अंडर सेक्शन 21/29 एनडीपीएस एक्ट के तहत और क्राइम ब्रांच की टीम ने एफआईआर संख्या 140/2013 अंडर सेक्शन 21/29 एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किया था।
हाल ही में शाहिद खान उर्फ छोटे खान उर्फ छोटे प्रधान को यूपी पुलिस ने ड्रग्स की एक बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में नारकोटिक्स सेल, क्राइम टीम ने एफआईआर नंबर 159/21 अंडर सेक्शन 21/29 एनडीपीएस एक्ट में बरेली जेल से पुलिस रिमांड पर लेकर गिरफ्तार कर लिया।
अशफाक और छोटे प्रधान दोनों बरेली यूपी के बड़े ड्रग सप्लायर हैं। मूर खान ऊर्फ भोला ने ड्रग्स तस्करी से काफी काला धन कमाया। और