सीपी आईजीआईए रमेश कुमार के supervision और एसएचओ आईजीआईए कृष्ण कुमार के नेतृत्व में Investigation इंस्पेक्टर अनुज कुमार, एसआई कमल, हेड कांस्टेबल अवनीश और कांस्टेबल बीर सिंघनदेर की टीम ने एयरपोर्ट पर 5 बांग्लादेशियों समेत 6 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। जो बांग्लादेशी नागरिक हैं। उनके पास से इंडियन और बांग्लादेशी पासपोर्ट बरामद हुए हैं। जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे ओरिजिनल पासपोर्ट बनाकर बांग्लादेशियों को भारत से बाहर विदेशों में भेजते थे। इनके पास बांग्लादेशी और इंडियन पासपोर्ट भी बरामद हुए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बांग्लादेश निवासी 22 वर्षीय फोज़िल रब्बी शिपन ऊर्फ सलाम सरदार, 54 वर्षीय अख्तौजमां तालुकदार, 35 वर्षीय रसल ऊर्फ शाहिदुलसेख, द्वारका, सेक्टर 23 निवासी 32 वर्षीय विभोर सैनी ऊर्फ विपुल, पश्चिम बंगाल निवासी 36 वर्षीय सौरभ घोष ऊर्फ बशीर ऊर्फ मिराज शेख व बुराड़ी दिल्ली निवासी 24 वर्षीय फहीम खान के रूप में हुई है।
पुलिस ने इनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन, 15 फर्जी इमीग्रेशन स्टाम्प, दो कम्प्यूटर, 27 फर्जी पासपोर्ट, जिसमें 13 भारतीय, 12 बांग्लादेशी और 2 नेपाल का पासपोर्ट, 12 चेकबुक और दो बैंक खाता पासबुक बरामद किया है।
डीसीपी, आईजीआईए विक्रम के पोरवाल ने बताया की 11 सितंबर को एयरपोर्ट पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने संदिग्ध रूप से टर्मिनल तीन पर घूम रहे तीन यात्रियों सहिदुल शेख, फोजिल रब्बी शिपोन और अख्तौजमां तलुकदार को शक के आधार पर पकड़ा। पूछताछ में तीनों ने बताया कि वह दोहा जाने के लिए एयरपोर्ट पर आए हैं। लेकिन कागजात की जांच करने पर उनके कब्जे से तीन फर्जी भारतीय पासपोर्ट और एक बांग्लादेशी पासपोर्ट का फोटो कॉपी मिला।
यात्रियों से पूछताछ में पता चला कि सहिदुल शेख और फोजिल रब्बी शिपोन बांग्लादेशी नागरिक हैं और बांग्लादेश में मजदूरी करते हैं। दिल्ली आने पर उनकी मुलाकात एजेंट अख्तौजमां तलुकदार से हुई। जिसने उन्हें फर्जी कागजात के जरिए सर्बिया भेजने के लिए एक से दो लाख और दूसरे से ढाई लाख रुपये लिए। एजेंट ने सहिदुल शेख का सलाम सरदार के नाम से भारतीय पासपोर्ट का इंतजाम किया।
एजेंट अख्तौजमां तलुकदार भी पुलिस गिरफ्त में था। पुलिस ने उसके सराय कालेखां स्थित घर पर छापा मारा और वहां से भारी संख्या में फर्जी पासपोर्ट, स्टाम्प और अन्य सामान बरामद किए। अख्तौजमां तलुकदार ने बताया कि वह एक अन्य एजेंट बशीर, कुली-उर-रहमान, फहीम खान और विभोर की मदद से लोगों को विदेश भेजता है। पुलिस ने उसके निशानदेही पर बशीर, विभोर और फहीम खान को गिरफ्तार कर लिया। जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी सैकड़ों लोगों को विदेश भेज चुके हैं। इनके एंबेसी और पासपोर्ट कार्यालय में संपर्क हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है और इसमें संलिप्ता पाए जाने पर और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
जांच में यह बात सामने आई है कि अख्तौजमां तलुकदार उर्फ अंकल रैकेट का मास्टरमाइंड है और पिछले साढ़े सात साल से सैकड़ों लोगों को फर्जी कागजात के जरिए विदेश भेज चुका है। अख्तौजमां तलुकदार सराय काले खां इलाके में दो फर्जी कंपनियां अतितुर्क इम्पोर्ट और एक्पोर्ट ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड और अतितुर्क कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड खोल रखी थी। इन कंपनियों के आधार पर सरगना निमंत्रण पत्र जारी करता था और इसकी मदद से विभिन्न देशों से नकली वीजा प्राप्त करता था। उसने अपने इम्पोर्ट और एक्पोर्ट कंपनी के नाम से बैंक खाते खुलवा रखे थे। वह बशीर की मदद से फर्जी भारतीय पासपोर्ट को तैयार और इंतजाम करता था। सरगना लोगों को विदेश भेजने का सारा काम बशीर, कुली उर रहमान, फहीम खान और विभोर के साथ मिलकर करता था। विभोर पहले टर्मिनल तीन पर ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ का काम कर चुका है। इसलिए हवाई अड्डे के भीतर यात्रियों के बोर्डिंग और इमिग्रेशन क्लीयरेंस की व्यस्था विभोर करता था।
सनसनी ऑफ़ इंडिया नेटवर्क