दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने ड्रग तस्करी के आरोप में महिला समेत तीन अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक पुरुष तस्कर को हत्या के मामले में अदालत से सजा मिली थी। सजा काटकर बाहर आने के बाद उसने तस्करी का धंधा शुरू कर दिया था। तीनों उत्तर प्रदेश के बरेली व बदायूं से हेरोइन लाकर उसे दिल्ली-एनसीआर में बेचते थे। इनके पास से 820 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है। पुलिस का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उक्त हेरोइन की कीमत 1.5 करोड़ हो सकती है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच चिन्मय बिस्वाल के मुताबिक गिरफ्तार किए गए तस्करों के नाम मोहम्मद आलम, आशा उर्फ पाशो उर्फ बाजी व सुनील है। इसके खिलाफ 2003 में गोकुलपुरी थाने में हत्या का मामला दर्ज हुआ था। सुनील, मजनूं का टीला का रहने वाला है। इसके खिलाफ पहले के दो मामले दर्ज हैं।
25 अगस्त को क्राइम ब्रांच की टीम ने पहले मंडोली जेल के पास से मोहम्मद आलम को गिरफ्तार किया।उसके पास से 550 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। आलम मूलरूप से सिलकोर, बिजनौर, यूपी का रहने वाला है लेकिन इधर कई सालों से वह दिल्ली के चांदबाग में रह रहा था। वह पहले मजदूरी करता था। गलत संगत में आकर उसने 2003 में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी।
जेल में उसकी मुलाकात सुंदर नगरी निवासी अजीम व मजनूं का टीला निवासी राहुल से हुई थी। ये दोनों भी हत्या के मामले में जेल में बंद थे। उसी दौरान मोहम्मद आलम को दोनों ने अपने साथ जोड़ लिया था। अजीम व राहुल के पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने आलम से संपर्क किया।
राहुल ने अपनी मां आशा से आलम का परिचय कराया। आशा ने उसे जल्द अत्यधिक पैसा कमाने का लालच दिया। जिसपर उसने आशा के साथ मिलकर तस्करी का धंधा शुरू कर दिया। आलम को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद अपराध शाखा की टीम ने तीन सितंबर को आशा व सुनील को भी गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 260 ग्राम हेरोइन बरामद हुई।
सनसनी ऑफ़ इंडिया नेटवर्क