100 करोड़ की धोखाधड़ी में आम्रपाली आद्या के सीएमडी व निदेशक गिरफ्तार

सनसनी ऑफ़ इंडिया नेटवर्क 
नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 124 लोगों के शेयरों का गबन कर 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव कुमार सिन्हा और निदेशक नारायण ठाकुर को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के खिलाफ 124 निवेशकों ने 2017 में धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं व आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। तीन साल तक चली जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार को कंपनी के दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन्हें रिमांड पर लेकर ईओडब्ल्यू लंबी पूछताछ करेगी।


संजीव कुमार सिन्हा रोहिणी जबकि नारायण ठाकुर बाहरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रहते हैं। आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त डॉ. ओपी मिश्रा के मुताबिक 2017 में पवन कुमार सहित 30 लोग ने ईओडब्ल्यू में सबसे पहले शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी के पदाधिकारियों ने उनकी अनुमति के बिना ही उनके शेयरों को अपने पूल खातों (कॉमन खातों) में स्थानांतरित कर दिया था। इसके जरिये कंपनी अधिक से अधिक पैसा कमाना चाहती थी। यही नहीं इसके बाद कंपनी के पदाधिकारियों ने शेयरों को गिरवी रख दिया था। कंपनी ने बाद में अपने कर्मचारियों के खातों के माध्यम से ग्राहकों के शेयरों को बेच दिया और ग्राहकों में से किसी को भी भुगतान नहीं किया। इंस्पेक्टर शैलेंद्र कुमार और एएसआई विनोद के नेतृत्व में मामले की जांच शुरू की गई। जांच आगे बढ़ने के साथ ही अन्य निवेशक भी सामने आते गए और यह संख्या 124 पहुंच गई। इन सभी की एफआइआर की संयुक्त रूप से जांच की गई। पुलिस ने जांच में पाया कि कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिन्हा और निदेशक नारायण ठाकुर ने इन लोगों शेयरों को उनकी बिना इजाजत के बेच दिया। पदाधिकारियों ने शेयर बेचकर करीब 100 करोड़ रुपये का गबन किया है।
पुलिस ने आम्रपाली आद्या कंपनी को फ्रीज (कोई लेनदेन नहीं होगा) कर दिया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से भी जांच कराई गई। जांच से पता चला कि एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच कंपनी के रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी करके रसीद के पूर्ण तथ्यों और भुगतान को छिपाने का प्रयास किया गया है।


आरोपितों ने साजिश रचकर शेयर धारकों को अपनी कंपनी के माध्यम से व्यापार करने का लालच दिया और उन्हें आकर्षक प्रोत्साहन राशि देने का आश्वासन दिया था। इसके बाद लोग कंपनी से जुड़ते चले गए, लेकिन किसी को भी शेयर की रकम नहीं मिल पाई। इस मामले में कंपनी के अन्य पदाधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।


Amrapali Adya CMD and Director arrested for fraud of 100 crores