आश्रम पर कब्जा करने को लेकर महंत ने रची थी खौफनाक साजिश

विजय कुमार दिवाकर
मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश।
यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में शुक्रवार को एक साध्वी का निर्वस्त्र अवस्था में शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। साध्वी के गले पर चोट के निशान मिले थे, जिसके चलते पुलिस उनकी गला घोंटकर हत्या किए जाने का अनुमान लगा रही थी। पुलिस ने घटनास्थल के पास झाड़ियों से स्विफ्ट कार को भी बरामद किया था। कस्बा भोकरहेड़ी-लक्सर मार्ग पर सोनाली नदी के निकट से भोकरहेड़ी और हाजीपुर के लिए खोले के बीच होकर जाने वाले कच्चे मार्ग से करीब 500 मीटर तक कार जाने के निशान मिले थे। वहीं 200 मीटर तक लाश को घसीटे जाने के भी निशान मिले थे।


हत्याकांड का खुलासा
साध्वी सुनीता नाथ की हत्या हरिद्वार स्थित आश्रम के स्वामित्व के विवाद को लेकर की गई थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया है, जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं। आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त डंडा और वह कपड़ा भी बरामद कर लिया, जिससे साध्वी का गला घोंटा गया था। 


मंगलवार को पुलिस लाइन स्थित सभागार में प्रेसवार्ता में एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि गत 21 नवंबर को भोपा थाना के भोकरहेड़ी खादर क्षेत्र में महिला का शव मिला था। शव की शनाख्त छपार थाना क्षेत्र के गांव खामपुर निवासी सुनीता नाथ पुत्री रामस्वरूप के रूप में हुई थी। शव के पास से एक लावारिस स्विफ्ट कार भी मिली थी। एसएसपी ने बताया कि हत्याकांड का खुलासा करने के लिए कई टीमें लगाई गई। कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई। पता चला कि हरिद्वार स्थित आश्रम के स्वामित्व को लेकर महंत शंकरदास से सुनीता नाथ का विवाद चल रहा था। उसी विवाद में सुनीता नाथ की हत्या को अंजाम दिया गया।


आश्रम की करोड़ों की संपत्ति पर थी शंकरदास की नजर
हरिद्वार के सिकंदरपुर आश्रम के स्वामित्व और करोड़ों रुपये की संपत्ति पर महंत शंकरदास की नजर थी, जबकि साध्वी सुनीता नाथ इसमें बाधा बन रही थी। साध्वी को रास्ते से हटाने के लिए शंकरदास ने हत्या की साजिश रची। हत्या कर शव ठिकाने लगाने का सटीक प्लान बनाया, लेकिन खुद को बचा नहीं सके। रेत में फंसी आरोपियों की कार ने उनकी सारी प्लानिंग पर पानी फेर दिया और कानून के हाथ आरोपियों के गिरेबां तक जा पहुंचे।


उत्तराखंड के जनपद हरिद्वार में स्थित सिकंदरपुर आश्रम के महंत की करीब दस साल पूर्व मौत हो चुकी है। उसके बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में साध्वी सुनीता नाथ और महंत शंकरदास के बीच विवाद चल रहा है। इस विवाद के चलते साध्वी ने मुजफ्फरनगर की सिविल कोर्ट में महंत शंकरदास के खिलाफ वाद भी दायर किया। एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि सिकंदरपुर आश्रम और उसकी करोड़ों की संपत्ति पर मालिकाना हक की लड़ाई में साध्वी से कई मोर्चों पर मात खा चुके महंत शंकरदास ने आखिरकार साध्वी की हत्या की साजिश रच डाली।


साध्वी का परिचित था मनोज शर्मा 
साध्वी की हत्या के लिए महंत शंकरदास ने बड़ौत के गांव गुराना निवासी मनोज शर्मा को चुना, क्योंकि वह साध्वी से भी भली-भांति परिचित था। मनोज ने साजिश को अमलीजामा पहनाने के लिए बाबा बक्सरनाथ, शुक्रताल स्थित सतगृहस्थ आश्रम के उमेश मदन शास्त्री और बिहारगढ़ निवासी मंजीत से बात की। पूरी साजिश तैयार होने के बाद मनोज शर्मा 20 नवंबर की रात साध्वी सुनीता नाथ को बहाने से शुक्रताल स्थित सतगृहस्थ आश्रम लेकर पहुंचा। वहां रात में चारों आरोपियों ने साध्वी के सिर पर बंधे कपड़े से ही उसका गला घोंट दिया। जब साध्वी इन चारों से भिड़ गई, तो आरोपियों ने डंडे से प्रहार किए थे।


स्विफ्ट कार के सहारे पुलिस आरोपी तक पहुंची
रेत में फंसी मिली स्विफ्ट कार के सहारे पुलिस आरोपी मनोज तक जा पहुंची, लेकिन वह फरार हो गया। मनोज के फरार होने के बाद पुलिस ने कॉल डिटेल का सहारा लिया और पांच दिन के भीतर केस का खुलासा कर दिया। एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि साध्वी की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी महंत शंकरदास और कार मालिक मनोज शर्मा फरार हैं, जिनको तलाश कराया जा रहा है।