रामनाथी (गोवा) - अयोध्या के श्रीराममंदिर की याचिका पर सुनवाई के विषय में सर्वोच्च न्यायालय समय व्यर्थ करने की भूमिका अपना रही है । ऐसे में भाजपा शासन को पिछले कार्यकाल में ही श्रीराममंदिर निर्माण के विषय में अध्यादेश लाना चाहिए था, यह हिन्दुआें की अपेक्षा थी । इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने श्रीराममंदिर निर्माण का आश्वासन दिया है । इसलिए अब जनता के विश्वास का सम्मान करते हुए सरकार की स्थापना होते ही वह श्रीराममंदिर निर्माण का आश्वासन पूरा करने के लिए प्रयत्न करे, यह अपेक्षा है । यह मांग हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने की है । भाजपा सरकार ने इलाहाबाद का नामकरण 'प्रयागराज' किया तथा कुंभमेला का समुचित आयोजन किया । यह एक अच्छा कार्य है; परंतु श्रीराममंदिर का निर्माण न होने के कारण हिन्दुआें के मन में 'आश्वासन देकर विश्वासघात करने' की भावना प्रबल हो सकती है, ऐसा भी उन्होंने कहा । 29 मई को श्री रामनाथ देवस्थान स्थित श्री विद्याधिराज सभागार में 'अष्टम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन'के उद्घाटन समारोह में वे बोल रहे थे ।
प्रारंभ में प.पू. भागीरथी महाराज, स्वामी श्रीरामज्ञानीदासजी महाराज, बंगाल के श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी आत्मस्वरूपानंदजी महाराज, सनातन संस्था के धर्मप्रसारक सद्गुरु नंदकुमार जाधव तथा सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन किया गया । पू. नीलेश सिंगबाळजी ने अधिवेशन का उद्देश्य बताया । 29 मई से 4 जून की अवधि तक चलनेवाले इस 7-दिवसीय अधिवेशन के प्रथम दिवस पर भारत और बांग्लादेश से अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के 240 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय सचिव अधिवक्ता संजीव पुनाळेकरजी को डॉ. दाभोलकर हत्या प्रकरण में 'सीबीआई' ने अन्यायपूर्वक बंदी बनाया है । अष्टम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन ने इस कृत्य की निंदा की ।